रिपोर्टर मुकेश सेन
निंबाहेड़ा में आज मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा वरिष्ठ नेता श्री चंद्र जी कृपलानी के जन्मदिवस की शुभकामनाएं देने विशेष रूप से पहुँचे। नगर में स्वागत की तैयारियों को लेकर भारी उत्साह देखा गया। चौराहों की सजावट, स्वागत पोस्टर और प्रशासनिक बंदोबस्त से पूरा शहर समारोह जैसा दिखाई दे रहा था।
लेकिन इस सरकारी चकाचौंध के बीच कई गंभीर सवाल भी खड़े हो गए हैं।
मुख्यमंत्री के इस दौरे को लेकर कांग्रेस नेता उदयलाल आंजना ने तीखा बयान दिया।उन्होंने कहा,
“अगर वाकई विकास करवाना है तो उस हॉस्पिटल का काम चालू करवाओ जो आज भी अधूरा और बंद पड़ा है — तब मैं खुद आपका धन्यवाद करूंगा।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि
“मुख्यमंत्री का यह दौरा केवल एक नेता के जन्मदिन के लिए था, न कि जनता की समस्याएं सुनने या उनके समाधान के लिए।”
सबसे बड़ी चिंता का विषय बना नरेगा मज़दूरों की जबरन भागीदारी।
जानकारी के अनुसार, करीब 350 ग्राम पंचायतों से मज़दूरों को बसों में भरकर कार्यक्रम में लाया गया।
मज़दूरों ने बताया कि उन्हें सुबह 8 बजे बुला लिया गया, और यह कहा गया:
“अगर आप नहीं आए तो आपकी हाज़िरी नहीं लगेगी और आपको नरेगा की मजदूरी नहीं मिलेगी।”
कई महिलाओं ने नाराज़गी जताई, लेकिन मज़बूरी में रुकना पड़ा। यह मामला अब प्रशासनिक दबाव और योजनाओं के राजनीतिक उपयोग पर सवाल खड़ा कर रहा है।
जनता की प्रतिक्रियाएं भी बंटी रहीं।
कुछ ने मुख्यमंत्री के आगमन का स्वागत किया, लेकिन कई लोगों ने सवाल उठाए कि –
“हम उम्मीद कर रहे थे कि विकास की घोषणाएं होंगी, लेकिन यहां तो सिर्फ दिखावा और राजनीतिक आयोजन हुआ।”
अब सवाल यह है कि क्या जनता की समस्याएं वास्तव में सरकार की प्राथमिकता हैं, या फिर सरकारी साधनों का उपयोग केवल राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए ही होता रहेगा?




