Friday, November 14, 2025

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गुढ़ागौड़जी में पहली अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस 14 एवं 15 नवंबर को

सुरेश सैनी

झुंझुनूं, 11 नवंबर। सेठ श्री केदारनाथ मोदी राजकीय महाविद्यालय गुढ़ा में 14 व 15 नवम्बर 2025 को ज्ञान की सीमाओं से परेः एक सुदृढ़ भविष्य के लिए अंतःविषयी समन्वय (आई.सी.के.बी.बी. 2025) विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा । यह कॉफ्रेंस राजकीय महाविद्यालय, गुढ़ा ग्रामीण क्षेत्र में होने के बावजूद अन्तर्राष्ट्रीय कॉफेन्स का आयोजन कर रहा है जो एक ऐतिहासिक पहल है, जो ज्ञान, नवाचार और वैश्विक सहयोग की नई दिशा प्रस्तुत करेगा। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. (डॉ.) अनिता झाझड़िया ने बताया कि यह झुंझुनूं जिले के ग्रामीण क्षेत्र में किसी राजकीय महाविद्यालय द्वारा आयोजित पहला अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक आयोजन है। यह सम्मेलन हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन एवं ऑफलाइन) में होगा, जिसमें देश एवं विदेश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के विद्वान, प्रोफेसर, शोधकर्ता एवं विद्यार्थी भाग लेंगे। यह आयोजन ग्रामीण विद्यार्थियों को वैश्विक शिक्षा जगत से जोड़ने वाला प्रेरणादायक अवसर सिद्ध होगा। सम्मेलन में तकनीकी सत्र, शोध-पत्र प्रस्तुतीकरण, विशेषज्ञ व्याख्यान एवं पैनल डिस्कशन आयोजित किए जाएंगे, जो शिक्षा और शोध के नए आयाम स्थापित करेंगे।

इसमें प्रमुख रूप से भाग लेने वाले अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं में शामिल हैं- प्रो. कोकिला कोनासिंघे (श्रीलंका), प्रो. हेलेन लैंसडाउन (भूटान मुख्य वक्ता), डॉ. रानिया लैंपो (ग्रीस मुख्य वक्ता), डॉ. राज नारनवरे (कनाडा), डॉ. जी. राज चिन्ताराम (मॉरिशस), डॉ. राज राजेश्वर मलिंदा (जापान), डॉ. श्वे सिन ऊ (म्यांमार), प्रो. कुसुम शाक्य, प्रो. सुशीला चटर्जी नेपाली, सुश्री सुमित्रा कार्की (नेपाल), सुरेन्द्र कुमार बुडानिया (जर्मनी), डॉ. टीना चौधरी (UAE) एवं राष्ट्रीय वक्ता में हिमांशु सिंह पीआरओ, भाग्यश्री सैनी, रितु सारस्वत, प्रख्यात समाजशास्त्री, डॉ० सुशील त्यागी, अध्यक्ष राजस्थान समाजशास्त्र परिषद्, देविका बिट्स पिलानी, दिनेश चहल, प्रो., अशोक पुरोहित, प्रो सुरेन्द्र सोनी, प्रो० मंजू चौधरी, मोटिवेशनल स्पीकर आदि विद्वान वक्ता श्रोताओं को अपने विचारों से लाभान्वित करेंगे।

कॉन्फ्रेंस संयोजक डॉ. सरोज नैनीवाल ने बताया कि महाविद्यालय में नवाचार की परंपरा निरंतर विकसित हो रही है। इस मंच के माध्यम से देश विदेश के शिक्षाविद शोध कर्ता अपने-अपने अनुभव और विचार साझा करेगें जिससे विचारो का आदान प्रदान होगा। और उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में नई दिशा प्रदान करेगा। आयोजन सचिव डॉ. रामपाल सिंह ने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य विभिन्न विषय विशेषज्ञों को एक मंच पर लाना है ताकि वे मिलकर एक सुदृढ़, समावेशी और सशक्त भविष्य के लिए साझा समाधान प्रस्तुत कर सकें। इस कॉन्फ्रेंस का आयोजन न केवल गुढ़ा की शैक्षणिक प्रतिभा को उजागर करेगा, बल्कि यह सिद्ध करेगा कि ग्रामीण क्षेत्र भी वैश्विक बौद्धिक विमर्श में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं।

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गुढ़ागौड़जी में पहली अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस 14 एवं 15 नवंबर को

सुरेश सैनी

झुंझुनूं, 11 नवंबर। सेठ श्री केदारनाथ मोदी राजकीय महाविद्यालय गुढ़ा में 14 व 15 नवम्बर 2025 को ज्ञान की सीमाओं से परेः एक सुदृढ़ भविष्य के लिए अंतःविषयी समन्वय (आई.सी.के.बी.बी. 2025) विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा । यह कॉफ्रेंस राजकीय महाविद्यालय, गुढ़ा ग्रामीण क्षेत्र में होने के बावजूद अन्तर्राष्ट्रीय कॉफेन्स का आयोजन कर रहा है जो एक ऐतिहासिक पहल है, जो ज्ञान, नवाचार और वैश्विक सहयोग की नई दिशा प्रस्तुत करेगा। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. (डॉ.) अनिता झाझड़िया ने बताया कि यह झुंझुनूं जिले के ग्रामीण क्षेत्र में किसी राजकीय महाविद्यालय द्वारा आयोजित पहला अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक आयोजन है। यह सम्मेलन हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन एवं ऑफलाइन) में होगा, जिसमें देश एवं विदेश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के विद्वान, प्रोफेसर, शोधकर्ता एवं विद्यार्थी भाग लेंगे। यह आयोजन ग्रामीण विद्यार्थियों को वैश्विक शिक्षा जगत से जोड़ने वाला प्रेरणादायक अवसर सिद्ध होगा। सम्मेलन में तकनीकी सत्र, शोध-पत्र प्रस्तुतीकरण, विशेषज्ञ व्याख्यान एवं पैनल डिस्कशन आयोजित किए जाएंगे, जो शिक्षा और शोध के नए आयाम स्थापित करेंगे।

इसमें प्रमुख रूप से भाग लेने वाले अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं में शामिल हैं- प्रो. कोकिला कोनासिंघे (श्रीलंका), प्रो. हेलेन लैंसडाउन (भूटान मुख्य वक्ता), डॉ. रानिया लैंपो (ग्रीस मुख्य वक्ता), डॉ. राज नारनवरे (कनाडा), डॉ. जी. राज चिन्ताराम (मॉरिशस), डॉ. राज राजेश्वर मलिंदा (जापान), डॉ. श्वे सिन ऊ (म्यांमार), प्रो. कुसुम शाक्य, प्रो. सुशीला चटर्जी नेपाली, सुश्री सुमित्रा कार्की (नेपाल), सुरेन्द्र कुमार बुडानिया (जर्मनी), डॉ. टीना चौधरी (UAE) एवं राष्ट्रीय वक्ता में हिमांशु सिंह पीआरओ, भाग्यश्री सैनी, रितु सारस्वत, प्रख्यात समाजशास्त्री, डॉ० सुशील त्यागी, अध्यक्ष राजस्थान समाजशास्त्र परिषद्, देविका बिट्स पिलानी, दिनेश चहल, प्रो., अशोक पुरोहित, प्रो सुरेन्द्र सोनी, प्रो० मंजू चौधरी, मोटिवेशनल स्पीकर आदि विद्वान वक्ता श्रोताओं को अपने विचारों से लाभान्वित करेंगे।

कॉन्फ्रेंस संयोजक डॉ. सरोज नैनीवाल ने बताया कि महाविद्यालय में नवाचार की परंपरा निरंतर विकसित हो रही है। इस मंच के माध्यम से देश विदेश के शिक्षाविद शोध कर्ता अपने-अपने अनुभव और विचार साझा करेगें जिससे विचारो का आदान प्रदान होगा। और उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में नई दिशा प्रदान करेगा। आयोजन सचिव डॉ. रामपाल सिंह ने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य विभिन्न विषय विशेषज्ञों को एक मंच पर लाना है ताकि वे मिलकर एक सुदृढ़, समावेशी और सशक्त भविष्य के लिए साझा समाधान प्रस्तुत कर सकें। इस कॉन्फ्रेंस का आयोजन न केवल गुढ़ा की शैक्षणिक प्रतिभा को उजागर करेगा, बल्कि यह सिद्ध करेगा कि ग्रामीण क्षेत्र भी वैश्विक बौद्धिक विमर्श में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं।

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