चित्रांश शर्मा
शाहपुरा (भीलवाड़ा)। शाहपुरा के ऐतिहासिक गुरुद्वारे को लेकर चल रहा विवाद अब प्रशासनिक स्तर तक पहुँच गया है। समस्त सिंधी समाज शाहपुरा ने इस मामले में उपखंड अधिकारी महोदय एवं पुलिस प्रशासन को विस्तृत ज्ञापन सौंपकर भसीन परिवार के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की मांग की है। समाज ने आरोप लगाया है कि उक्त परिवार ने गुरुद्वारे की धार्मिक गरिमा को ठेस पहुँचाने वाले कृत्य कर समाज की भावनाओं को आहत किया है।
सिंधी समाज द्वारा दिए गए आवेदन पत्र (दिनांक 10 नवम्बर 2025) में कहा गया है कि नगर पालिका शाहपुरा द्वारा 22 अक्टूबर 1951 को जारी पट्टे के अनुसार उक्त भूमि गुरुद्वारा निर्माण हेतु दी गई थी। इसके पश्चात समाज के सहयोग से गुरुद्वारा भवन का निर्माण भी हुआ। नगर पालिका द्वारा 12 जुलाई 1975 को जारी प्रमाण पत्र में भी यह स्पष्ट रूप से दर्ज है कि यह भूखंड धार्मिक प्रयोजन हेतु ही आरक्षित है।
समाज का आरोप है कि उक्त स्थान पर गुरुग्रंथ साहिब की स्थापना एवं निशान साहिब फहराया गया था, जो धार्मिक आस्था का प्रतीक है। किंतु 12 मई 2025 को आग लगने की घटना के बाद भसीन परिवार द्वारा पुराने गुरुग्रंथ साहिब को बिना समाज की सहमति के हटाकर नई स्थापना की गई तथा समाज की धार्मिक भावनाओं की अवहेलना करते हुए कई विवादास्पद कदम उठाए गए।
आरोप है कि 9 नवम्बर 2025 को समाज के विरोध के बावजूद सार्वजनिक गुरुद्वारे की फाटक पर ताला लगाया गया, जिससे श्रद्धालु प्रवेश नहीं कर सके। इस घटना को समाज ने धार्मिक स्वतंत्रता और आस्था पर कुठाराघात बताया है। समाज ने बताया कि मामले की शिकायत गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी अमृतसर तक भी पहुँच चुकी है, जिसने प्रारंभिक जांच में स्थानीय समाज के कई सदस्यों के बयान दर्ज किए हैं।
सिंधी समाज का कहना है कि भसीन परिवार का यह कृत्य धार्मिक भावनाओं को भड़काने और समाज में वैमनस्य फैलाने की मंशा से किया गया है, जो भारतीय दंड संहिता की धारा 295-A (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाले कार्य) के अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
समाज ने प्रशासन से मांग की है कि —
1️⃣ संबंधित परिवार के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए।
2️⃣ गुरुद्वारे पर लगाए गए अवैध ताले को तत्काल खुलवाया जाए ताकि श्रद्धालु सामान्य रूप से दर्शन कर सकें।
3️⃣ भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने हेतु प्रशासनिक सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
समस्त सिंधी समाज शाहपुरा द्वारा हस्ताक्षरित इस ज्ञापन पर शहर के प्रमुख समाजसेवियों, व्यापारिक प्रतिनिधियों और गुरुद्वारा प्रबंधन से जुड़े लोगों के हस्ताक्षर हैं। समाज ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलनात्मक कदम उठाने पर विवश होना पड़ेगा।




