Friday, November 14, 2025

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भीषण आग की चपेट में जैसलमेर-जोधपुर बस, 3 बच्चों और 3 महिलाओं समेत 16 यात्री झुलसे

संवाददाता : पुखराज पंड्या

मंगलवार दोपहर जैसलमेर से जोधपुर जा रही निजी बस में थईयात गांव के पास अचानक भीषण आग लग गई। हादसे में 3 बच्चों और 3 महिलाओं समेत 16 यात्री झुलस गए। बस में 57 यात्री सवार थे। आग की लपटों और धुएं ने अफरा-तफरी मचा दी।

राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके में एक बार फिर सड़क परिवहन का काला अध्याय जुड़ गया। मंगलवार दोपहर जैसलमेर से जोधपुर की ओर चली निजी बस अचानक धुआं उगलने लगी और देखते ही देखते आग की लपटों ने पूरे वाहन को अपनी चपेट में ले लिया। हादसे में 3 मासूम बच्चों और 3 महिलाओं समेत कुल 16 यात्री झुलस गए, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। यह घटना थईयात गांव के पास दोपहर करीब 3:30 बजे घटी, जब बस जैसलमेर के वॉर म्यूजियम और थईयात के बीच गुजर रही थी। सौभाग्य से चालाकी से कोई जान नहीं गई, लेकिन आग की तीव्रता ने पूरे इलाके में अफरा-तफरी मचा दी।

बस में सवार 57 यात्रियों के बीच चीख-पुकार मच गई। आग इतनी तेज थी कि काला धुआं आसमान छूने लगा, और लपटें सड़क पर दूर तक दिखाई देने लगीं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बस का पिछला हिस्सा सबसे पहले धुआं उगलने लगा, जो शायद इलेक्ट्रिकल शॉर्ट सर्किट या ईंधन लीकेज के कारण हुआ। चालक ने बस को तुरंत सड़क किनारे रोका, लेकिन तब तक आग ने इंजन से लेकर सीटों तक को अपनी गिरफ्त में ले लिया। यात्रियों ने खिड़कियां तोड़कर और दरवाजे उखाड़कर भागने की कोशिश की, लेकिन धुएं की वजह से कई लोग बेहोश हो गए।

हादसे की पूरी कड़ियां: रोजाना की यात्रा बनी काल:

यह निजी बस रोजाना की तरह दोपहर करीब 3 बजे जैसलमेर के बस स्टैंड से जोधपुर के लिए रवाना हुई थी। जैसलमेर-जोधपुर मार्ग पर यह बस लोकप्रिय है, क्योंकि यह रेगिस्तानी इलाके के ग्रामीणों और पर्यटकों को जोड़ती है। बस में ज्यादातर परिवार थे—बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग। लगभग 20 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद थईयात गांव के पास अचानक ब्रेक डाउन हुआ। ग्रामीणों का कहना है कि बस की स्पीड सामान्य थी, लेकिन पिछली सीटों के पास से धुआं निकलने की आवाज आई। अगले ही पल आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। एक यात्री ने बताया, “हम सोच रहे थे कि बस का एसी खराब हो गया है, लेकिन धुआं इतना घना हो गया कि सांस लेना मुश्किल हो गया। बच्चे रोने लगे, और महिलाएं चीखने लगीं।”

तुरंत राहत कार्य: ग्रामीणों और राहगीरों की जान बची:

हादसे की सूचना मिलते ही आसपास के थईयात और पड़ोसी गांवों के ग्रामीण दौड़ पड़े। उन्होंने पानी की बाल्टियां और मिट्टी के ढेर से आग बुझाने की कोशिश शुरू कर दी। राहगीरों ने यात्रियों को बस से बाहर खींचा, खासकर बच्चों को प्राथमिकता दी। लोगों ने तुरंत दमकल विभाग, पुलिस और मेडिकल टीम को सूचना दी। जैसलमेर जिला प्रशासन की दो फायर ब्रिगेड टीमें मौके पर पहुंचीं और करीब 45 मिनट की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। झुलसे यात्रियों को एंबुलेंस से जैसलमेर के जवाहर अस्पताल पहुंचाया गया।

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भीषण आग की चपेट में जैसलमेर-जोधपुर बस, 3 बच्चों और 3 महिलाओं समेत 16 यात्री झुलसे

संवाददाता : पुखराज पंड्या

मंगलवार दोपहर जैसलमेर से जोधपुर जा रही निजी बस में थईयात गांव के पास अचानक भीषण आग लग गई। हादसे में 3 बच्चों और 3 महिलाओं समेत 16 यात्री झुलस गए। बस में 57 यात्री सवार थे। आग की लपटों और धुएं ने अफरा-तफरी मचा दी।

राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके में एक बार फिर सड़क परिवहन का काला अध्याय जुड़ गया। मंगलवार दोपहर जैसलमेर से जोधपुर की ओर चली निजी बस अचानक धुआं उगलने लगी और देखते ही देखते आग की लपटों ने पूरे वाहन को अपनी चपेट में ले लिया। हादसे में 3 मासूम बच्चों और 3 महिलाओं समेत कुल 16 यात्री झुलस गए, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। यह घटना थईयात गांव के पास दोपहर करीब 3:30 बजे घटी, जब बस जैसलमेर के वॉर म्यूजियम और थईयात के बीच गुजर रही थी। सौभाग्य से चालाकी से कोई जान नहीं गई, लेकिन आग की तीव्रता ने पूरे इलाके में अफरा-तफरी मचा दी।

बस में सवार 57 यात्रियों के बीच चीख-पुकार मच गई। आग इतनी तेज थी कि काला धुआं आसमान छूने लगा, और लपटें सड़क पर दूर तक दिखाई देने लगीं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बस का पिछला हिस्सा सबसे पहले धुआं उगलने लगा, जो शायद इलेक्ट्रिकल शॉर्ट सर्किट या ईंधन लीकेज के कारण हुआ। चालक ने बस को तुरंत सड़क किनारे रोका, लेकिन तब तक आग ने इंजन से लेकर सीटों तक को अपनी गिरफ्त में ले लिया। यात्रियों ने खिड़कियां तोड़कर और दरवाजे उखाड़कर भागने की कोशिश की, लेकिन धुएं की वजह से कई लोग बेहोश हो गए।

हादसे की पूरी कड़ियां: रोजाना की यात्रा बनी काल:

यह निजी बस रोजाना की तरह दोपहर करीब 3 बजे जैसलमेर के बस स्टैंड से जोधपुर के लिए रवाना हुई थी। जैसलमेर-जोधपुर मार्ग पर यह बस लोकप्रिय है, क्योंकि यह रेगिस्तानी इलाके के ग्रामीणों और पर्यटकों को जोड़ती है। बस में ज्यादातर परिवार थे—बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग। लगभग 20 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद थईयात गांव के पास अचानक ब्रेक डाउन हुआ। ग्रामीणों का कहना है कि बस की स्पीड सामान्य थी, लेकिन पिछली सीटों के पास से धुआं निकलने की आवाज आई। अगले ही पल आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। एक यात्री ने बताया, “हम सोच रहे थे कि बस का एसी खराब हो गया है, लेकिन धुआं इतना घना हो गया कि सांस लेना मुश्किल हो गया। बच्चे रोने लगे, और महिलाएं चीखने लगीं।”

तुरंत राहत कार्य: ग्रामीणों और राहगीरों की जान बची:

हादसे की सूचना मिलते ही आसपास के थईयात और पड़ोसी गांवों के ग्रामीण दौड़ पड़े। उन्होंने पानी की बाल्टियां और मिट्टी के ढेर से आग बुझाने की कोशिश शुरू कर दी। राहगीरों ने यात्रियों को बस से बाहर खींचा, खासकर बच्चों को प्राथमिकता दी। लोगों ने तुरंत दमकल विभाग, पुलिस और मेडिकल टीम को सूचना दी। जैसलमेर जिला प्रशासन की दो फायर ब्रिगेड टीमें मौके पर पहुंचीं और करीब 45 मिनट की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। झुलसे यात्रियों को एंबुलेंस से जैसलमेर के जवाहर अस्पताल पहुंचाया गया।

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