Friday, November 14, 2025

National

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वंदे मातरम गीत एवं स्वदेशी संकल्प से गूंजा कलेक्ट्रेट परिसर

सुरेश सैनी

झुंझुनूं, 10 नवम्बर। राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में ‘वंदे मातरम@150 एवं स्वदेशी संकल्प कार्यक्रम’ का आयोजन हुआ।

कार्यक्रम में जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारियों, अभिभाषक संघ के सदस्यों, स्काउट-गाइड व आमजन ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत में सभी उपस्थित लोगों ने एक स्वर में वंदे मातरम का सामूहिक गायन कर राष्ट्रभक्ति का संदेश दिया। इसके पश्चात जिला कलेक्टर डॉ. अरुण गर्ग ने सभी को स्वदेशी अपनाने और आत्मनिर्भरता का संकल्प दिलाया।

जिला कलेक्टर डॉ. गर्ग ने इस अवसर पर कहा कि देश की आज़ादी असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान का परिणाम है, ऐसे में प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह सेवा, समर्पण, निष्ठा और ईमानदारी की भावना के साथ अपने कार्यों का निर्वहन करे। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य तब ही संभव होगा जब हम अपने दैनिक जीवन में स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देंगे और स्थानीय कौशल व उत्पादों को बढ़ावा देंगे।

उन्होंने उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों से यह भी अपेक्षा की कि वे अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के साथ करें, ताकि जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप सुशासन सुनिश्चित हो सके।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अधिकारी, कर्मचारी, वकील, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और आमजन शामिल रहे।

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वंदे मातरम गीत एवं स्वदेशी संकल्प से गूंजा कलेक्ट्रेट परिसर

सुरेश सैनी

झुंझुनूं, 10 नवम्बर। राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में ‘वंदे मातरम@150 एवं स्वदेशी संकल्प कार्यक्रम’ का आयोजन हुआ।

कार्यक्रम में जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारियों, अभिभाषक संघ के सदस्यों, स्काउट-गाइड व आमजन ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत में सभी उपस्थित लोगों ने एक स्वर में वंदे मातरम का सामूहिक गायन कर राष्ट्रभक्ति का संदेश दिया। इसके पश्चात जिला कलेक्टर डॉ. अरुण गर्ग ने सभी को स्वदेशी अपनाने और आत्मनिर्भरता का संकल्प दिलाया।

जिला कलेक्टर डॉ. गर्ग ने इस अवसर पर कहा कि देश की आज़ादी असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान का परिणाम है, ऐसे में प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह सेवा, समर्पण, निष्ठा और ईमानदारी की भावना के साथ अपने कार्यों का निर्वहन करे। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य तब ही संभव होगा जब हम अपने दैनिक जीवन में स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देंगे और स्थानीय कौशल व उत्पादों को बढ़ावा देंगे।

उन्होंने उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों से यह भी अपेक्षा की कि वे अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के साथ करें, ताकि जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप सुशासन सुनिश्चित हो सके।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अधिकारी, कर्मचारी, वकील, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और आमजन शामिल रहे।

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