संवाददाता : महेश पांडुरंग शेंडे
ISKCON (अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ) के वरिष्ठ संन्यासी परम पूज्य राधानाथ स्वामी जी द्वारा मथुरा के गोवर्धन धाम में ३५ वी वार्षिक कार्तिक यात्रा का शुभारंभ किया इस यात्रा में दुनिया भर से १५००० से अधिक भक्तों ने सहभाग लिया है जिसमे भारत के साथ साथ रशिया, चाइना, अमेरिका, जर्मनी, अफ़्रीका जैसे विविध देशों से कई भक्त श्री गिरि गोवर्धन की परिक्रमा करेंगे और श्रीमद् भागवत कथा और हरिनाम संकीर्तन का लाभ लेंगे। इन सभी भक्तों की सुविधा के लिए यहाँ पर नेशनल ज्योग्राफिक में दिखाई गई इस्कॉन कार्तिक यात्रा मेगा किचन का भी प्रबंध भी किया गया है ।
इस यात्रा में इस्कॉन संस्था के संस्थापक आचार्य अभय चरणारविंद भक्तिवेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद जी के ४८ वे समाधि पर्व की वर्षगांठ भी मनायी जाएगी। इस पावन देश के गौरवशाली परंपरा और सनातन संस्कृति की पहचान पूरे विश्व में अध्यात्मिक शांति समाज को चमत्कृत कर प्रेरित किया। भगवान श्रीकृष्ण के गोपाल स्वरूप में यह संदेश निहित है।
भारतीय संस्कृति और परम्पराओं में इसी के प्रमाण है सनातन संस्कृति के प्रत्येक त्यौहार में समाज के साथ परम्परानुसार मिल-जुलकर इस घड़ी को उत्साह और उल्लास के साथ मनाने से समाज में नई ऊर्जा का संचार होता है। हमारी हर परम्परा और उत्सव में प्रकृति के प्रति आदर और समाज के प्रति उत्तदायित्व समाहित है। गोवर्धन पूजा इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। हमारी संस्कृति ने हमें छोटी से छोटी चीज प्रदान करने वालों प्रति भी आभार करना सिखाया है।




