Friday, November 14, 2025

National

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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पचपेड़वा बना असुविधाओं का केंद्र, जिम्मेदार कौन

संवाददाता : रामजनम तिवारी

उत्तर प्रदेश सरकार जहां एक ओर स्वास्थ्य सेवाओं को चुस्त-दुरुस्त बनाने के दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर ज़मीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। जनपद बलरामपुर के पचपेड़वा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत बद से बदतर होती जा रही है।
महिला वार्ड की बात की जाए तो वहां न तो पंखे चल रहे हैं और न ही बेडशीट का इस्तेमाल किया जा रहा है। मरीजों को गर्मी और अस्वच्छता दोनों से दो-चार होना पड़ रहा है। अस्पताल परिसर में चारों ओर गंदगी फैली हुई है, जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं और नालियों से बदबूदार पानी बह रहा है।
अस्पताल के अंदर और बाहर साफ-सफाई का नामोनिशान तक नहीं दिखता। ऐसी स्थिति में बीमार लोगों को इलाज के नाम पर और भी अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
जब इस विषय पर स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक से बातचीत करने की कोशिश की गई, तो वे अस्पताल में मौजूद नहीं थे। वहीं, कई वार्डों में तैनात कर्मचारी भी अपनी ड्यूटी से नदारद मिले।
जब इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) बलरामपुर से फोन पर संपर्क किया गया, तो उन्होंने भरोसा दिलाया कि “स्वास्थ्य केंद्र में पाई जा रही सभी कमियों को शीघ्र दूर किया जाएगा और जिम्मेदारों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।”
अब बड़ा सवाल यह है कि जब सरकार हर दिन स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के दावे कर रही है, तो पचपेड़वा जैसे क्षेत्रों में ऐसी अव्यवस्थाएं क्यों बनी हुई हैं? क्या ज़िम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई होगी या फिर यह मामला भी अन्य मुद्दों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा

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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पचपेड़वा बना असुविधाओं का केंद्र, जिम्मेदार कौन

संवाददाता : रामजनम तिवारी

उत्तर प्रदेश सरकार जहां एक ओर स्वास्थ्य सेवाओं को चुस्त-दुरुस्त बनाने के दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर ज़मीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। जनपद बलरामपुर के पचपेड़वा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत बद से बदतर होती जा रही है।
महिला वार्ड की बात की जाए तो वहां न तो पंखे चल रहे हैं और न ही बेडशीट का इस्तेमाल किया जा रहा है। मरीजों को गर्मी और अस्वच्छता दोनों से दो-चार होना पड़ रहा है। अस्पताल परिसर में चारों ओर गंदगी फैली हुई है, जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं और नालियों से बदबूदार पानी बह रहा है।
अस्पताल के अंदर और बाहर साफ-सफाई का नामोनिशान तक नहीं दिखता। ऐसी स्थिति में बीमार लोगों को इलाज के नाम पर और भी अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
जब इस विषय पर स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक से बातचीत करने की कोशिश की गई, तो वे अस्पताल में मौजूद नहीं थे। वहीं, कई वार्डों में तैनात कर्मचारी भी अपनी ड्यूटी से नदारद मिले।
जब इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) बलरामपुर से फोन पर संपर्क किया गया, तो उन्होंने भरोसा दिलाया कि “स्वास्थ्य केंद्र में पाई जा रही सभी कमियों को शीघ्र दूर किया जाएगा और जिम्मेदारों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।”
अब बड़ा सवाल यह है कि जब सरकार हर दिन स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के दावे कर रही है, तो पचपेड़वा जैसे क्षेत्रों में ऐसी अव्यवस्थाएं क्यों बनी हुई हैं? क्या ज़िम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई होगी या फिर यह मामला भी अन्य मुद्दों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा

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